Teachers Rules and Regulations

शिक्षकों के लिए सामान्य निर्देश

  • समय पर ड्यूटी पर रिपोर्ट करना तथा प्रत्येक कार्य दिवस पर स्टाफ उपस्थिति रजिस्टर में आगमन और प्रस्थान का सही समय दर्ज करना।
  • छुट्टी लेने से पहले प्रधानाचार्य से छुट्टी की उचित मंजूरी लेना तथा छुट्टी नियमों का पालन करना।
  • सुबह की सभा की घंटी बजने से कम से कम पांच मिनट पहले सभा स्थल पर उपस्थित होना।
  • विद्यार्थियों को उचित अनुशासन बनाए रखने तथा प्रातःकालीन सभा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए निरीक्षण करना, निर्देश देना तथा सहायता प्रदान करना।
  • कक्षा के विद्यार्थियों की वर्दी की जांच करना तथा वर्दी न पहनने वालों का नियमित रूप से रिकॉर्ड रखना।
  • कक्षा के विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करना तथा यह सुनिश्चित करना कि उसे दैनिक उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज किया गया है।
  • छात्र उपस्थिति रजिस्टर को उचित रूप से बनाए रखना। हर महीने के अंतिम कार्य दिवस पर यूनिफॉर्म न बनाने वाले और अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की सूची के साथ उन्हें सभी तरह से पूर्ण करके प्रिंसिपल को जांच के लिए प्रस्तुत करना।
  • प्रथम पीरियड के प्रथम कुछ मिनटों का उपयोग विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म, प्रातः सभा में प्रदर्शन, कक्षा अनुशासन, विद्यार्थियों की संपत्ति का रख-रखाव, कक्षा फर्नीचर और स्कूल संपत्ति, कक्षा की सफाई, सामान्य शिष्टाचार, शिष्टाचार और अच्छी आदतों के बारे में निर्देश देने के लिए करना।
  • विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को विस्तृत साप्ताहिक समय-सारिणी तथा परिवर्तन (यदि कोई हो) की समुचित जानकारी देना।
  • पुस्तकों/नोटबुक/कार्यपुस्तिकाओं का उचित विभाजन करना तथा विद्यार्थियों को निर्देशानुसार उन्हें विद्यालय लाने के लिए कहना।
  • गृहकार्य सौंपने और अभिभावकों से संवाद करने के लिए विद्यार्थी डायरी का उचित और नियमित उपयोग करना। गृहकार्य पूरा नहीं हुआ, नोटबुक नहीं लाई गई, यूनिफॉर्म डिफॉल्टर, देर से आना, अनुपस्थिति नोट आदि कॉलम नियमित रूप से भरना।
  • कक्षा समय-सारणी और कक्षा सूचना चार्ट तैयार करना और कक्षा कक्ष में प्रदर्शित करना।
  • नियमित रूप से गृहकार्य देना। सभी कक्षा और गृहकार्यों की सावधानीपूर्वक और गहनता से जाँच और मूल्यांकन करना। जाँच के बाद तारीख सहित हस्ताक्षर करना।
  • विद्यार्थियों, विशेषकर मॉनीटरों को कक्षा-कक्ष के साथ-साथ विद्यालय में भी उचित अनुशासन बनाए रखने का निर्देश देना।
  • प्रत्येक छात्र के आचरण का निरीक्षण करना तथा शरारती/शरारती/समस्याग्रस्त छात्रों के बारे में प्रधानाचार्य को रिपोर्ट करना।
  • किसी भी स्थिति में कक्षाएं बिना उपस्थिति के न छोड़ें।
  • कक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम और अध्ययन पाठ्यक्रमों से परामर्श करके शिक्षण कार्य की अग्रिम योजना बनाना तथा उसमें जारी किए गए और समय-समय पर अधिसूचित दिशा-निर्देशों और अनुदेशों के अनुसार विद्यार्थियों को पढ़ाना।
  • मौखिक कार्य, हस्तलेखन, पठन, उच्चारण आदि को उचित महत्व देना।
  • शिक्षा में प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखना तथा नवीनतम शिक्षण सहायक सामग्री (श्रव्य और दृश्य) का उचित उपयोग करना।
  • पाठ्यक्रम के संबंध में कोई कठिनाई या समस्या होने पर डीन, अकादमिक या प्रिंसिपल से परामर्श करना।
  • प्रत्येक सप्ताह के प्रथम कार्य दिवस के प्रथम पीरियड में जांच के लिए साप्ताहिक शिक्षण योजना के साथ शिक्षक डायरी प्रधानाचार्य को प्रस्तुत करना।
  • पाठ्यक्रम के कवरेज से संबंधित कठिनाइयों को सूचीबद्ध करना तथा सुधार के लिए आवश्यक सुझाव और सिफारिशें दर्ज करना।
  • सभी दस्तावेज (सूचियां, कागजात, रिपोर्ट, परिणाम आदि) पूरी तरह जांच के बाद निर्धारित तिथि एवं समय तक जमा करना।
  • यदि कोई छात्र अस्वस्थ है या किसी बीमारी या संक्रमण से पीड़ित है तो इसकी सूचना दें।
  • छात्र के प्रदर्शन के मासिक रिकॉर्ड के प्रारूप के अनुसार क्षेत्र में छात्रों का गंभीरतापूर्वक और नियमित रूप से निरीक्षण करना तथा कक्षा/अनुभाग के 'सर्वश्रेष्ठ छात्र' का निर्धारण करने के लिए प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस पर प्रारूप भरना।
  • प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस पर उपस्थित होकर विद्यार्थियों के प्रदर्शन, प्रगति तथा समस्याओं पर उनके अभिभावकों/संरक्षकों से चर्चा करना। दैनिक दिनचर्या में बिना अनुमति के अभिभावकों से किसी भी प्रकार की चर्चा में शामिल न होना।
  • प्रतिदिन अंतिम पीरियड में कक्षाओं में विद्यार्थियों द्वारा छोड़ी गई सामग्री को एकत्रित करना तथा अगले दिन संबंधित विद्यार्थी को वापस करना।
  • छात्र को शारीरिक दण्ड से बचाने के लिए।
  • छात्रों को प्रेरित, प्रोत्साहित, प्रोत्साहित एवं मार्गदर्शन करना।
  • स्कूल में छात्रों और सहकर्मियों के साथ अंग्रेजी में बात करना।
  • नोटिसों/परिपत्रों/कार्यालय-आदेशों को ध्यानपूर्वक पढ़ना तथा तदनुसार कार्य करना।
  • विद्यार्थियों/सहकर्मियों/अभिभावकों के साथ शिक्षक से अपेक्षित व्यवहार करना।
  • सदन के कर्तव्यों तथा सौंपे गए अन्य विशेष एवं अतिरिक्त कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी, सावधानी तथा जिम्मेदारी, सहयोग और समन्वय की भावना के साथ पूरा करना।
  • विद्यालय के निर्धारित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नियमित प्रयास करना।
  • प्रधानाचार्य की अनुमति के बिना अभिभावकों को कक्षाओं में नहीं बुलाना।
  • सप्ताहांत सेमिनार हर शिक्षक के लिए अनिवार्य है। उस दिन कोई छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी।
  • विद्यार्थियों की कठिनाइयों/विवादों/समस्याओं पर गौर करना तथा उन्हें हल करने का प्रयास करना तथा यदि आवश्यक हो तो मामले को प्रधानाध्यापिका/प्रधानाचार्य के संज्ञान में लाना।
  • कक्षा-प्रभारियों को अपनी-अपनी कक्षा के विद्यार्थियों के अवकाश आवेदनों का उचित रिकार्ड रखना होगा।
  • लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले (बिना किसी अवकाश स्वीकृति के 10 दिनों से अधिक लगातार अनुपस्थित रहने वाले) विद्यार्थियों के नाम/नामों की सूचना प्रधानाचार्य को लिखित रूप में देना।
  • समय की बर्बादी किए बिना, पीरियड की घंटी बजते ही समय सारणी के अनुसार कक्षा में उपस्थित होना।
  • समायोजन अवधि/अवधियों का बहुत उपयोगी तरीके से उपयोग करना।
  • छात्रों को उनके अध्ययन एवं गतिविधियों में मार्गदर्शन, प्रोत्साहन, प्रेरणा, सहायता एवं सुविधा प्रदान करना।
  • अतिरिक्त संदर्भ पुस्तकों/समाचार पत्रों/पत्रिकाओं और अन्य पठन सामग्री को नियमित रूप से पढ़कर अपने ज्ञान को समृद्ध और ताज़ा करना।
  • धीमी गति से सीखने वाले/शारीरिक रूप से विकलांग/मानसिक रूप से मंद/शरारती छात्रों पर विशेष एवं व्यक्तिगत ध्यान देना तथा बेहतर प्रदर्शन एवं आचरण के लिए अभिभावकों का सहयोग प्राप्त करते हुए सुधारात्मक तरीके सुझाना।
  • छात्रों के संचार कौशल में सुधार करने के लिए कक्षा के अंदर और बाहर अंग्रेजी में सामान्य आदेश और निर्देश देना।
  • प्रत्येक शिक्षक द्वारा टर्मवार पाठ्यक्रम के अनुसार प्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम के बारे में विद्यार्थियों को एक पीरियड में जानकारी दी जाएगी।